आचार्य श्रीराम शर्मा >> आकृति देखकर मनुष्य की पहिचान आकृति देखकर मनुष्य की पहिचानश्रीराम शर्मा आचार्य
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लोगो की आकृति देखकर उनका स्वभाव पहचानना मनोरंजक तो होता ही है, परंतु इससे अधिक यह अनुभव आपको अन्य लोगों से सही व्यवहार करने में काम आता है।
छाती
शिला सी चौड़ी और मजबूत छाती बल-वीर्य की प्रचुरता का चिह्न है। साहसी लोगों की छाती पर बालों की अधिकता रहती है। पूरी साँस लेने निकालने में जो काफी फैल और सिकुड़ सकती है वह दीर्घ जीवन की प्रतीक है। स्तन स्थानों पर माँस की अधिकता होनी धनी होने का चिह्न है।
जिस छाती में माँस की कमी हो, पसलियाँ चमक रही हों उसे दरिद्रता या अज्ञानता का शिकार कह सकते हैं। साधारणतः स्वस्थ पुरुषों की छाती कमर की अपेक्षा अधिक चौड़ी होती है, परन्तु यदि वह छाती की चौड़ाई की अपेक्षा लम्बाई में चली गई हो तो इसे निर्बलता का चिह्न समझना चाहिए। जिनका धड़ सारंगी की तरह लम्बा परन्तु पतला हो वे कमजोर रहते हैं, पर ऐसे लोगों का मस्तिष्क बड़ा तेज होता है।
दोनों ओर की पसलियों के जोड़ की संधि का भाग यदि भीतर धंसा हुआ हो तो फेफड़ों की कमजोरी प्रकट करता है, ऐसे लोग जुकाम, खाँसी आदि से पीड़ित रहते हैं। यह संधि भाग ऊपर उठा हुआ हो तो जिगर या तिल्ली में दोष होगा। पसलियों की संधि छाती के समतल हो तो सदा निरोगता बनी रहेगी।
पसलियाँ सीधी गोलाई की चली आवें तो स्वास्थ्य की निदोंषता समझनी चाहिए। यदि वे एक स्थान पर अधिक उठी हुई दिखाई दें तो वे गवाही देती हैं कि इसने सामथ्र्य से अधिक काम किया है। पसलियाँ आपस में चिपटी हुई हों, एक-दूसरे के बीच में फासला कम हो तो यह चुस्ती, स्फूर्ति और निरालस्यता का लक्षण है। जिनकी पसलियों में अधिक फासला होता है वे अक्सर काम से जी चुराने वाले होते हैं।
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- चेहरा, आन्तरिक स्थिति का दर्पण है
- आकृति विज्ञान का यही आधार है
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